Aasman Me Unka BUchhar वाशिंगटन: वार्षिक लियोनिड्स उल्का बौछार (Unka BUchhar) नासा शानदार लियोनिद तूफान। आसमान में दिखेगा ‘टूटते तारों’ (Aasman Mein Dekhenge TutteTaare) की बारिश का अद्भूत नजारा, जानिए कब देख सकते हैं। नवंबर में आप पूरे महीने आसमान में बेहद ही अद्भुत नजारा देख सकते हैं।
यह नजारा होगा-लियोनिड्स उल्का बौछार (Unka BUchhar) यानी उल्का (ulka) बौछारों का। उल्कापिंडों की यह बारिश 6 नवंबर से शुरू हो गई है और 16 नवंबर, 17 नवंबर को अपने चरम पर होगी। आप 30 नवंबर तक लियोनिड्स उल्का बौछार (Leonids Meteor Shower) देख सकते हैं।
आकाश में उल्का वर्षा (Aasman Me Ulka Varsha)
वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारी पृथ्वी 17 नवंबर को उल्कापिंडों के सबसे घने हिस्से से गुजरने वाली है, इस दौरान आसमान में उल्कापिंडों की बारिश (Aasman Me Ulka Varsha) देखने को मिलेगी। 17 से 19 नवंबर तक यह नजारा सबसे खास होने वाला है।
एक घंटे में सैकड़ों तारे देखे जा सकते हैं। (Saikdo Tare Dekhen)
आकाश से तारों के गिरने की इस अद्भुत खगोलीय घटना को लेकर खगोलविद काफी उत्साहित हैं। इस महीने दो उल्का बौछारें (Unka BUchhar) होंगी, जिनमें से एक लियोनिद उल्का बौछार है। इस दौरान बड़ी संख्या में गिरते तारे आसमान को रोशन करते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार लियोनिद उल्का बौछार (Unka BUchhar) के दौरान एक घंटे में सैकड़ों तारे देखे जा सकते हैं।
आतिशबाजी देखो (Aatishbaji Dekho Tutte)
लियोनिद नवंबर के पहले सप्ताह में सक्रिय हो गए हैं। ये धूमकेतु 55पी / टेम्पेल-टटल से आते हैं। इस धूमकेतु को सूर्य की परिक्रमा (Surya ki parikrama) करने में 33 वर्ष लगते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (american space agency nasa) का कहना है कि हर घंटे 15 उल्कापिंड पृथ्वी की ओर आ सकते हैं।
इस दौरान किसी भी उल्कापिंड की रफ्तार 71 किलोमीटर प्रति सेकेंड हो सकती है। उल्कापिंडों (Ulka Pindo) का रंग बहुत चमकीला होता है, जिससे आसमान में आतिशबाजी का नजारा होता है। कभी-कभी एक घंटे में सैकड़ों तारे देखे जा सकते हैं।
उल्का सोसायटी (AMS) का कहना (Meteor Society)
हालांकि, अमेरिकी उल्का सोसायटी (एएमएस) का कहना है कि हमारे जीवन में इतनी भारी बारिश देखना मुश्किल है। ऐसी बारिश आपको साल 2030 में देखने को मिल सकती है। आप इस महीने के किसी भी दिन रात में उल्कापिंडों की बारिश Unka BUchhar देख सकते हैं। यह बारिश 17 नवंबर की आधी रात के बाद चरम पर होगी और आसमान में साफ दिखाई देगी। हालांकि, उन्हें बादलों, प्रदूषण या तेज रोशनी में देखना मुश्किल हो सकता है।
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