जानिए शुभ मुहूर्त और विधि शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना की। Sharadiya Navratri

Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana

Sharadiya Navratri (शारदीय नवरात्रि) इस साल गुरुवार 07 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इस दौरान पूरे nine days तक माँ दुर्गा की पूजा और पूजा की जाती है। हालांकि, इस बार शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) 9 के बजाय 8 दिनों की होगी। ऐसा कई तिथियों (dates) के बढ़ने और घटने के कारण हुआ।

Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana
Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana

इस बार शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन होने के कारण ES VAAR की नवरात्रि 8 दिनों की होगी। Navratri में कई लोग अपने घरों में कलश स्थापना (kalash sthaapana) के साथ जौ की बुवाई करते हैं।

Navratri की प्रतिपदा को सूर्योदय के बाद Abhijeet Muhurta में कलश या घाट की स्थापना (Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana) करना श्रेष्ठ माना जाता है। यह नवरात्रि का पहला दिन है। प्रतिपदा तिथि को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से घाट स्थापना की जाती है तो आइए जानते हैं

Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana
Sharadiya Navratri Kalash Sthaapana

फूलदान कैसे स्थापित करें (Fuldn Arpit kare)

1-इस दिन स्नान और ध्यान करने के बाद माँ दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह कुबेरदी की मूर्ति से kalash ki sthapana करें।
2-Kalash के ऊपर रोली से स्वस्तिक लिखें और स्वास्तिक बनाएँ।
3-कलश स्थापना के समय अपने पूजा घर में पूर्व कोण की ओर या घर के आंगन से Northeast में जमीन पर सात प्रकार के अनाज रखें।
4-फिर जौ भी डालें और उसके बाद kalash में गंगाजल, लौंग, इलायची, सुपारी, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पदी डालें।
5-फिर ‘ओम भुमयै नमः’ कहकर कलश को सात दानों के साथ रेत के ऊपर रखें।
6-इसके बाद कलश में कुछ और जल याGangajal डालते समय ‘O वरूणाय नमः’ कहें और उसमें जल भर दें।
7-इसके बाद आम के पल्लव को कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद एक बाउल में जौ या कच्चे चावल भरकर कलश के ऊपर रख दें। अब उस पर चुन्नी में लपेटे हुए Nariyal को रख दें।
8-इसके बाद हाथ में हल्दी, अक्षत पुष्प लेकर Manchh Sanklp लें और कहें ‘ m दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्र जनार्दनः! दीपो हरतु में पापम पूजा, दीप नमस्तु ते मंत्र दीप पूजा का जाप।
9-कलश की पूजा के बाद नवर्ण मंत्र ‘ओम ह्रीं क्लें चामुंडयै विचे!’ सभी पूजन सामग्री को अर्पित कर माँ शैलपुत्री की puja kare.

कलश स्थान का शुभ मुहूर्त और विधि (Kalsh Esthapna)

बन रहा है ये खास योग, जानिए किस दिन किस स्वरूप की होगी पूजा, आपको बता दें कि अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurta) कलश स्थापना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। हर दिन के आठवें मुहूर्त को Abhijeet Muhurta कहा जाता है।

नवरात्रि से पहले कलश की स्थापना (setting up the vase) कर देवी का आह्वान किया जाता है, साथ ही इस दिन अखंड ज्योति जलाई जाती है, जो नवरात्रि के अंत तक जलती रहती है। इस बार घटस्थापना का shubh muhoort प्रातः 6.17 बजे से 7.07 बजे तक है।

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