अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) की समस्या पर डॉ. आंबेडकर के विचार

अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) की समस्या पर डॉ. आंबेडकर

अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) की समस्या पर डॉ. आंबेडकर के विचार: स्वतंत्र भारत में हमारी जाति शासन करेगी। हमें यह संकल्प करना है कि भावी स्वतंत्र भारत में हमारा वर्ग शासक बनेगा। हमें दूसरों के अधीन होकर रहना स्वीकार नहीं है। हम ऐसी कोई भी स्थिति नहीं स्वीकार करेंगे जहाँ हमारा दर्जा मालिक का नहीं, नौकर का हो।

भारत में जब कभी भी स्वराज सरकार स्थापित होगी, हिन्दू, मुसलमान और अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) , तीनों वर्गों के लोग सत्ता के भागीदार होंगे। वह समय जब कि एक समुदाय विशेष के लोग दूसरे समुदायों पर शासन करें, समाप्त हो गया है।

मैं यह सर्व विदित कराना चाहता हूँ कि अनुसूचित वर्ग (Scheduled Caste) अपने अधिकारों के लिए लड़ने का निश्चय कर चुके हैं और देश के शासन में उनका हिस्सा उन्हें मिलना चाहिए। जब तक उनके हाथ में राजनीतिक सत्ता नहीं आती है उन गरीबों से पीड़ित लोगों की दशा में इच्छित परिवर्तन आने की कोई आशा वे नहीं कर सकते हैं। मैं स्पष्ट रूप से उस दिन को देख रहा हूँ जब 30 रु। माहवार की न्यूनतम पगार प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध होगी। श्रमिकों को घर और बुढ़ापे के लिए बीमा स्वरूप पेंशन दी जाएगी।

भारत में अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes in India)

जिन आलोचकों ने मुझे कांग्रेस में सम्मिलित होने को कहा है, उनके लिए मेरा उत्तर स्पष्ट है। मैं भारत में अनुसूचित जातियों (Scheduled Caste) , वह समुदाय जो दो हजार वर्षों से भी अधिक समय से शासित और दलित रहा है, की स्वतंत्रता को अधिक महत्त्व देता हूँ।

मैं अपने समुदाय को ऊपर उठाने के कार्य को देश के स्वराज्य से भी अधिक महत्त्वपूर्ण समझता हूँ। यदि कोई नेता उस अनुसूचित जातियों ( Scheduled Castes) जिसका सदस्य होने का मुझे गर्व है, के हितों का समर्थन करे और उनको आगे बढ़ाने का दायित्व तो मैं उस प्रस्ताव (स्वराज्य) पर दोबारा विचार करने को तैयार हूँ। कोई भी, जो, जाते या धर्म के नाम पर भेदभाव करता है, मैं उसे नेता मानने को तैयार नहीं हूँ।

आप जरा सोचिये। आपकी हजारों साल से चली आ रही कष्टमय स्थिति का कारण क्या है? आपके कष्टों का मुख्य कारण हिन्दू धर्म है। विश्व के सब धर्मों में केवल हिन्दू धर्म ही ऐसा धर्म है जहाँ जातीय भेदभाव और अस्पृश्यता है। जातिवादी हिन्दुओं ने धर्म के नाम पर अछूत वर्गों के साथ बहुत अन्याय किया है। मुझे दुख है कि आज भी गांवो की यह स्थिति है कि वे सम्मानपूर्वक नहीं रह सकते।

हमें हिन्दू धर्म छोड़ देना चाहिए (Hindu Religion)

हमें हिन्दू धर्म छोड़ देना चाहिए और इस अनादर एवं तिरस्कार के सम्मुख झुकने से इंकार कर देना चाहिए। मुझे यह देखकर हैरानी होती है कि हमारे समुदाय के अधिकांश लोग इस हीन स्थिति को चुपचाप स्वीकार कर लेते हैं क्योंकि उन पर जातिवादी हिन्दुओं का प्रभुत्व है।

आपको अपनी शक्ति पर विश्वास रखना चाहिए और यह बात मन से निकाल देना चाहिए कि आप किसी भी और समुदाय से हीन हैं। से, मैं जोर देकर यह कहना चाहता हूँ कि आपके राजनीतिक संगठन अनुसूचित जाति ( Scheduled Castes) संघ की ताकत को मजबूत करने के लिए संगठित शक्ति की आवश्यकता है।

ब्रिटिश सरकार मुसलमानों को सदैव सम्मान देने को तैयार रहती थी। स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद कांग्रेसी नेता मुसलमानों के साथ बराबरी के समझौते के अनुसार उन्हें पाकिस्तान देने के लिए तैयार हो गए तो सोचिए अनुसूचित वर्ग (Scheduled Caste) भी किस स्थिति तक पहुँच सकता है।

मैं आपको सावधान करना चाहता हूँ (Want To Caution)

यदि आप राजनीतिक सत्ता में भागीदारी एकजुट होकर ठोस संगठन बनाना होगा और तभी देश के भावी शासन में आप अपने अधिकारों की लड़ाई में सफल हो सकेंगे। बहुत से नेता जो कागजी संस्थाओं और कागजी पार्टियों में विश्वास करते हैं, उनके विरुद्ध मैं आपको सावधान करना चाहता हूँ।

हमारे आंदोलन को सफलता तभी मिलेगी जब हमारे वर्ग की स्त्रिीयाँ भी आंदोलन में सक्रिय भाग लेकर उसे तीव्रता प्रदान करेंगी। मैं स्वयं सेवी संस्थाओं के निर्माण को बहुत महत्त्व देता हूँ, जो नगर-नगर, गांव-गांव सम्मेलन को संदेश पहुँचाएंगे।

प्रत्येक नगर से 200 मील के घेरे में गांवों तक संदेश पहुँचाए। हमारा समुदाय भी जातिवाद से दंशित है। उसके भीतरी विभाजनों को मिटाने का दायित्व भी आपका ही है और वह उस दशा में और भी बढ़ जाता है जब आप दूसरों से छूआछूत हटाने की बात करते हैं।

युवकों और विद्यार्थियों Scheduled Castes से मेरा अनुरोध है कि वे अपने समुदाय की सेवा का भाव मन में उपजाएँ। समुदाय के हितों की रक्षा का भावी भार उन्हीं पर है और वह चाहे किसी स्थान व स्थिति में हो उन्हें चाहते हैं तो आपको इसे नहीं भूलना चाहिए।

(उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में ” अखिल भारतीय अछूत वर्ग संघ के सम्मेलन के में दिया गया भाषण-29 जनवरी, 1944)

Read:- जय भीम फिल्म समीक्षा (Jai Bhim Review) भावनात्मक रूप से मन में डाल रही लाल मिर्च पाउडर

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *