भारतीय वैज्ञानिक का चमत्कार कैसे स्टेम सेल से पर्ल बनाया? Stem Cells Se Pearls

Kiase Stem Cells Se Pearls Banaya

How Pearls Made From Stem Cells, भारतीय वैज्ञानिक (Indian Scientist) डॉ. अजय कुमार सोनकर ने मोती उत्पादन (pearl production) में अपने नए शोध से दुनिया को चौंका दिया है। अंडमान और निकोबार के वैज्ञानिकों ने ‘cell culture’ के माध्यम से,

ग्लास फ्लास्क में मोती उत्पादन की तकनीक को सफलतापूर्वक विकसित कर ’tissue culture’ के अनुसंधान में संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। इससे पहले सोनकर ने World का सबसे बड़ा काला मोती (repeat perl) बनाकर और भगवान गणेश के आकार का मोती विकसित कर बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की थीं।

एक्वाकल्चर यूरोप (Aquaculture Europe) रिपोर्ट:-डॉ. सोनकर ने कहा कि उनका शोध वैश्विक मोती उत्पादन उद्योग में बदलाव ला सकता है। उनके शोध की प्रक्रिया और परिणाम अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान शोध (international science research) पत्रिका–’एक्वाकल्चर यूरोप’ के नवीनतम अंक में प्रकाशित किए गए हैं।

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Dr. Sonkar के अनुसार:

उन्होंने साबित कर दिया है कि किसी भी जीव के एपिजेनेटिक (Living) को बदलकर न केवल दुर्लभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं बल्कि आनुवंशिक दोषों के शिकार से भी बचा जा सकता है।

इस तरह सफलता मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह शोध पिछले साल 2020 में शुरू हुआ था। फिर उन्होंने अंडमान में अपनी प्रयोगशाला से काले मोती पैदा करने वाले ‘Pinktada margaretifera’ सीप में सर्जरी करके अपने शरीर से मोती बनाने के लिए जिम्मेदार अंग को हटा दिया। ।

इसके बाद वह उस ‘मानसिक ऊतक’ को फ्लास्क में एक विशेष जैविक वातावरण बनाकर अंडमान समुद्र (Andaman sea) से करीब 2, 000 किलोमीटर दूर प्रयागराज स्थित अपनी “Cell Biology” प्रयोगशाला में ले आए।

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शरीर से अलग होने के बावजूद

इसमें खास बात यह रही कि इस पूरी प्रक्रिया में करीब 72 घंटे का समय लगा, इस दौरान ‘मानसिक ऊतक’ (‘mental tissue’) शरीर से अलग होने के बावजूद जिंदा और स्वस्थ रहा। यह अपने आप में तकनीक का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

‘mental’ को तब प्रयोगशाला के विशेष जैविक संस्कृति वातावरण में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस कार्य में पहली सफलता तब प्राप्त हुई जब कल्चर फ्लास्क में कोशिकाओं को सुसंस्कृत किया जाने लगा।

उसके बाद ऐसे विशेष पोषक तत्वों की खोज की गई जिससे कोशिकाओं (cells) के मोती बनाने के प्राकृतिक गुणों को जाग्रत किया गया। इस प्रकार समुद्र में रहने वाले एक सीप के गर्भ में पलने वाले मोती ने समुद्र से हजारों किमी दूर एक कल्चर फ्लास्क (culture flask) में जन्म लिया।

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