Indian Constitution Making: संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन योजना (cabinet mission plan) के सुझावों के आधार पर किया गया था। जिसके अनुसार कुल सदस्य संख्या 379 निर्धारित की गई। इनमें से 292 प्रतिनिधि ब्रिटिश (British) भारत गवर्नरों के आधीन 11 प्रांतों से 4 चीफ कमिश्नरों के अधीन प्रांतों से तथा 93 प्रतिनिधि देशीय रियासतों से लिये जाने थे।
भारत के प्रभुत्व सम्पन्न संविधान सभा के रूप में
जो संविधान (Indian Constitution) सभा अविभाजित भारत के लिए निर्वाचित की गयी थी, भारत के प्रभुत्व सम्पन्न संविधान सभा के रूप में पुनः समवेत की गयी। पाकिस्तान में पड़ने वाले क्षेत्र के सदस्यों के निकल जाने से संविधान (Constitution) सभा के सदस्यों की संख्या 299 रह गयी।
जिसमें 229 सदस्य ब्रिटिश शासित प्रांतों से तथा 70 सदस्य देशीय रियासतों से थे। सर्वाधिक सदस्य संयुक्त प्रांत के (55) थे। 9 दिसम्बर, 1946 को संविधान सभा (constituent Assembly) का विधिवत उद्घाटन हुआ और सच्चिदानंद सिन्हा (Satchidanand Sinha) सर्वसम्मति से अस्थाई अध्यक्ष चुने गये।
दिसम्बर 11, 1946 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को संविधान सभा (constituent Assembly) का स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।
डॉ.भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता
दिसम्बर13, 1946 ई. को पं। जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने संविधान सभा में ऐतिहासिक उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे 22 जनवरी 1947 ई. को संविधान सभा ने स्वीकार कर लिया।
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संविधान का प्रारुप (draft of the constitution) तैयार करने के लिये 29 अगस्त 1947 ई. को डॉ.भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की अध्यक्षता में 7 सदस्यों की एक प्रारुप समिति का गठन किया गया।
उद्देश्य प्रस्ताव में भारत (India) के भावी संप्रभुता संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य की रूपरेखा दी गयी थी इसमें एक संघीय व्यवस्था की परिकल्पना थी, जिसमें अवशिष्ट शक्तियाँ प्रांतों के पास होगी।
सभी नागरिकों को
सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, कानून और अवसर की समानता, विचार, पूजा, व्यवसाय और कार्य की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई और इसके साथ ही अल्पसंख्यकों, पिछड़े तथा जनजाति क्षेत्रों तथा दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए पर्याप्त रक्षोपाय रखे गए थे।
प्रारूप समिति द्वारा Constitution का प्रारूप फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया। प्रारूप के उपबंधों पर खण्डबार विचार करने हेतु 15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर के मध्य कई बैठकें हुईं।
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हस्ताक्षर हुए एवं पारित घोषित
तृतीय वाचन हेतु संविधान सभा की बैठक 14 नवंबर, 1949 को आरंभ हुई और 26 नवंबर 1949 को समाप्त हुई। इसी दिन संविधान (Indian Constitution) पर संविधान सभा के अध्यक्ष के हस्ताक्षर हुए एवं पारित घोषित किया गया।
2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन के अथक परिश्रम के फलस्वरूप 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान (Indian Constitution) का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया।
इसी दिन संविधान सभा द्वारा संविधान को स्वीकार किया गया और कुल 284 सदस्य जो उपस्थित थे उन्होंने अंतिम रूप से पारित संविधान पर अपने हस्ताक्षर किये।
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