भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा: सभी प्रदोष व्रतों में भौम प्रदोष व्रत (Bhum Pradosh Vrat) विशेष माना जाता है। इस दिन का विशेष महत्त्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष हो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, इस दिन भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को Bhum Pradosh Vrat कहा जाता है। यही कारण है कि इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमानजी की भी पूजा की जाती है।
भौम प्रदोष व्रत में करें ये काम- (Bhum Pradosh Vrat Me Kare)
1-इस विशेष दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2-पूजा आदि करने से पहले आपको अपने घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए।
3-इस दिन आप गंगा जल से भगवान शंकर का अभिषेक करें।
Bhum Pradosh Vrat Me
4-गंगा जल न मिले तो आप घर में भी शुद्ध पेयजल का उपयोग कर सकते हैं।
5-भगवान शंकर के अभिषेक के बाद उन्हें माला, चावल, अष्टगंधा और बिलपत्र और फूल चढ़ाएँ।
6-भौम प्रदोष व्रत के दिन आपको नौ बाती घी का दीपक हनुमान जी को जलाना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत में का पूजा महत्त्व- (Bhum Pradosh Vrat Me Puja)
Bhum Pradosh Vrat सभी प्रदोष व्रतों में सबसे खास माना जाता है। शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्त्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमानजी की पूजा करने और उन्हें घी का 9 दुष्ट दीपक जलाने से सभी प्रकार के कर्ज से मुक्ति मिलती है।
भौम प्रदोष व्रत करने वाले पर भगवान शिव और हनुमानजी दोनों की विशेष कृपा होती है। इस दिन व्रत करने से भगवान शिव और हनुमानजी की पूजा विशेष फलदायी होती है। यह व्रत सभी कष्टों को दूर करता है।
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