Bhartiya samvidhan praroop Samiti (प्रारुप समिति के सदस्य): भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था संविधान के कुछ प्रावधान 26 नवम्बर 1949 को ही लागू कर दिये गये और शेष 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। 26 जनवरी 1950 को संविधान के प्रवर्तन की तारीख की कहा जाता है।
नागरिकता निर्वाचन एवं अंतरिम संसद से सम्बंधित उपबंधों को 26 नवंबर 1949 से ही लागू किया गया। शेष संविधान, संविधान के प्रवर्तन की तिथि 26 जनवरी, 1950 से लागू हुए। 26 जनवरी, 1950 को ही भारत को गणतंत्र घोषित किया गया तथा आगामी संसद चुनाव तक संविधान सभा को भी भारतीय संसद के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
भारतीय संविधान प्रारूप समिति के 7 सदस्यों के नाम
- डॉ.भीमराव अम्बेडकर (प्रारूप समिति का अध्यक्ष)
- एन.गोपाल स्वामी आयंगर (सदस्य)
- के.एम.मुन्शी (सदस्य)
- अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर (सदस्य)
- सैयद मोहम्मद सादुल्लाह (सदस्य)
- बी.एल.मित्र (सदस्य)
- डी.पी.खेतान (सदस्य)
बाद में बी.एल.मित्र के स्थान पर एन.माधवराव को तथा डी.पी.खेतान की मृत्यु के पश्चात् टी.टी.कृष्णामचारी को प्रारुप समिति का सदस्य बनाया गया।
संवैधानिक सलाहकार नियुक्त
संविधान सभा ने संविधान रचना की विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए अनेक समितियों का गठन किया जैसे-संघीय संविधान समिति, संघीय शक्ति समिति, प्रांतीय संविधान समिति, मूलाधिकार समिति, अल्पसंख्यक समिति, अनुसूचित जाति और जनजाति समिति, परामर्श समिति, हिन्दी अनुवाद समिति, सभा समिति आदि।
श्री वी.एन. राव को संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान भारतीय संविधान में संख्या की दृष्टि से 452 कुल अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियाँ हैं।
संविधान सभा ने संविधान के निर्माण के अलावा निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य भी किये
1-सन् 1949 में राष्ट्रमण्डल में भारत की सदस्यता ली।
2-22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को अपनाया।
3-24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान (जन गण मन) को अपनाया।
4-24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगीत (वंदे मातरम्) को अपनाया।
5-24 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद को भारत का पहला राष्ट्रपति नियुक्त किया।
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