बच्चों के अध्ययन कक्ष के लिए सही स्टडी, अच्छे नंबर मिलने की संभावना प्रबल होगी

बच्चों के अध्ययन कक्ष के लिए सही स्टडी

बच्चों के अध्ययन कक्ष के लिए सही स्टडी: आजकल घरों में पढ़ाई का स्थान किसी एक स्थान पर निश्चित नहीं होता है। कहीं बच्चा डाइनिंग टेबल में पढ़ने लगता है। कभी-कभी वह बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करता है। कई बार हम टीवी देखते हुए पढ़ते हैं, जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता है। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में बच्चों का मेधावी होना बहुत जरूरी हो गया है। यदि आप वास्तु में बताए गए नियमों के अनुसार बच्चों के कमरे की योजना बनाते हैं, तो अच्छे परिणाम मिलने की संभावना प्रबल होगी। ऐसा करने से बच्चे को मानसिक शांति मिलेगी और उसका मन पढ़ाई में लगेगा।

आइए यहाँ जानते हैं बच्चों के अध्ययन कक्ष के लिए सही स्टडी

बच्चों की शिक्षा में अभ्यास का विशेष महत्त्व है, जितना महत्त्वपूर्ण याद रखना है, उतना ही महत्त्वपूर्ण है लिखने और लिखने का अभ्यास। अभ्यास करने के लिए सबसे अच्छी जगह दक्षिण-पश्चिम (दक्षिण-पश्चिम) दिशा है। पढ़ाई के लिए बच्चे का स्टडी रूम दक्षिण से पश्चिम के मध्य में होना चाहिए। अब यहाँ के कमरे की उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में एक स्थिर मेज रखनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे का मुंह उत्तर या उत्तर पूर्व की ओर होना चाहिए।

यदि फ्लैट में रहते हैं तो संभव है कि दक्षिण-पश्चिम में जमीन न मिले तो ऐसी स्थिति में बच्चे का स्टडी रूम उत्तर-पूर्व या पूर्व में बना सकते हैं। ऐसे में उपाय करें, पुस्तकालय का चित्र पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम की दीवारों पर लगाना चाहिए।

बच्चे की स्टडी टेबल गोल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। ऐसे में यदि टेबल चौकोर हो तो बच्चे की अध्ययन शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि होगी। टेबल का रंग ज्यादा चमकीला नहीं होना चाहिए।

स्टडी रूम से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

टेबल को दरवाजे या दीवार के बहुत पास नहीं रखना चाहिए। दीवार और टेबल के बीच गैप होना बहुत जरूरी है। इससे बच्चे की याददाश्त और पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। बच्चे को पढ़ते समय प्रकाश की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि प्रकाश सीधे पुस्तक पर पड़े। पुस्तक पर विद्यार्थी की छाया नहीं पढ़नी चाहिए।

मेज पर अनावश्यक पुस्तकें नहीं रखनी चाहिए। दीपक को टेबल के दक्षिण कोने में रखा जाए तो शुभ होता है। कमरे की उत्तर-पूर्व दिशा में माँ सरस्वती, गणेश जी का फोटो लगाना चाहिए। स्टडी रूम में शांति और सकारात्मक माहौल होना चाहिए।

बच्चे के अध्ययन कक्ष में स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, एपीजे अब्दुल कलाम आदि जैसी प्रख्यात और प्रेरक प्रतिभाओं की तस्वीरें लगाई जानी चाहिए। स्टडी टेबल पर खाने से परहेज करना चाहिए, टेबल को व्यवस्थित रखते हुए पढ़ने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

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