लंडन ओमाइक्रोन कोविड : कोरोना वायरस के नए रूप ओमाइक्रोन के तेजी से बढ़ते मामलों ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। ओमाइक्रोन संक्रमितों की ब्रिटेन और अमेरिका दोनों जगहों पर मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में भी नए वेरिएंट Omicron के 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी में प्रकाशित एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड-19 पुरुषों के स्पर्म काउंट और स्पर्म मोटिलिटी को भी प्रभावित करता है।
शुक्राणु पर कोरोना का प्रभाव
इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोध के मुताबिक, कोविड-19 के कारण स्पर्म काउंट और स्पर्म मोबिलिटी पर असर पड़ता है। पुरुषों के स्पर्म क्वालिटी कोविड से ठीक होने के बाद महीनों तक खराब बनी रहती है। हालांकि, शोध में पाया गया है कि वीर्य स्वयं संक्रामक नहीं है। कोरोना से ठीक होने के एक महीने के भीतर 35 पुरुषों के सैंपल का अध्ययन किया गया और पता चला कि स्पर्म की गतिशीलता में 60 प्रतिशत और स्पर्म काउंट में 37 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रेग्नेंसी चाहने वाली महिलाओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
गौरतलब है कि जो महिलाएँ गर्भवती होना चाहती हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद कुछ महीनों तक स्पर्म काउंट और स्पर्म की गुणवत्ता खराब रह सकती है।
डेल्टा से कम खतरनाक नहीं है ओमाइक्रोन
इंपीरियल कॉलेज लंदन की एक स्टडी के मुताबिक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमाइक्रोन पुराने वेरिएंट डेल्टा से कम खतरनाक है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने संभावित ओमाइक्रोन संक्रमण वाले 11, 329 रोगियों की तुलना दूसरे प्रकार से संक्रमित लगभग 200, 000 लोगों से की।
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स्टडी से पता चला कि ओमाइक्रोन वेरिएंट डेल्टा से कम खतरनाक नहीं है। कोई सबूत नहीं मिला कि यह कम गंभीर था। इस शोध में लक्षण मिलने के बाद मिले पॉजिटिव लोगों के अनुपात और अस्पताल में भर्ती मरीजों के अनुपात का अध्ययन किया गया। (इनपुट–रॉयटर्स)
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